केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने श्रीवेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले प्रसिद्ध तिरुपति के लड्डू में मिलावट के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान विपिन जैन, पोमिल जैन, अपूर्व चावड़ा और राजू राजशेखरन के रूप में की गई है।

पांच सदस्यीय एसआईटी ने की जांच
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में तिरुपति के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। टीम में केंद्रीय एजेंसी के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक अधिकारी शामिल था।

सुब्रमण्यम स्वामी ने दाखिल की थी याचिका
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और वाईएसआरसीपी के राज्यसभा सांसद वाइवी सुब्बा रेड्डी समेत अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के आरोप की जांच एसआईटी द्वारा की जाएगी और इसकी निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे।

जांच में गंभीर उल्लंघन का पता चला
सूत्रों के अनुसार एसआईटी जांच में घी की आपूर्ति के हर चरण में गंभीर उल्लंघन का पता चला है। दावा किया कि वैष्णवी डेयरी के अधिकारियों ने मंदिर को घी की आपूर्ति करने के लिए एआर डेयरी के नाम से निविदाएं हासिल कीं और निविदा प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए फर्जी रिकॉर्ड बनाने में भी शामिल थे।

चंद्रबाबू नायडू ने उठाया था मुद्दा
आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने सितंबर में दावा किया था कि राज्य में पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डू तैयार करने में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। पिछले साल एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान नायडू ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया। इन आरोपों के बाद पूरे देश में सियासी हंगामा शुरू हुआ था।