भोपाल । ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर राजधानी की सडक़ों से लेकर प्रमुख मार्गों को सजाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस बीच जिला प्रशासन ने जिले में भिक्षावृत्ति पर रोक लगा दी है। प्रशासन के अनुसार भिक्षुक शहर के प्रमुख चौराहों पर खड़े होकर यातायात में व्यवधान पैदा करने के अलावा शहर की छवि को बिगाड़ रहे थे। जिला प्रशासन के आदेश के बाद राजधानी के प्रमुख चौराहों से भिखारी गायब हो गए हैं। उनके लिए भिक्षुक गृह तैयार किया है, लेकिन वहां एक भी भिखारी नहीं पहुंचा है।
दरअसल, भोपाल जिला प्रशासन ने भिखारियों को खदेडऩे में जितनी तेजी दिखाई है। उसकी खासी चर्चा है। जिसकी वजह यह बताई जा रही है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान देशी, विदेशी निवेशक शहर के प्रमुख चौराहों से गुजरेंगे। शहर का भ्रमण करेंगे। इस दौरान चौराहों एवं प्रमुख मार्गों पर भिखारी दिखने से शहर की छवि बिगड़ेगी। यही वजह है कि कलेक्टर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (2) एवं धारा 223 के तहत भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध के आदेश कर दिए हैं। जिसके तहत भिक्षा देने या भिखारी से कोई सामान खरीदने पर भी जेल जाना पड़ेगा। कलेक्टर के इस आदेश के बाद निगमायुक्त भोपाल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलार स्थित आश्रय स्थल को भिक्षुक गृह घोषित किया है। वहां कोई भिखारी नहीं पहुंचा है।


अफसरों की टीम पकड़ेगी भिखारी
 ट्रैफिक सिग्नल, चौराहों, धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भिक्षावृत्ति पर रोक लगाए जाने के बाद भोपाल जिलाधीश कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने एक टीम गठित की है। जो प्रमुख स्थलों, ट्रैफिक सिग्नल, धार्मिक स्थलों पर भिक्षावृत्ति करने एवं भिक्षा देने वालों की वीडियोग्राफी / फोटोग्राफी कर संबंधित के विरूद्ध पुलिस में कार्यवाही करवाएगी। साथ ही भिक्षुकों को पकडक़र आश्रय स्थल भिजवाएंगे। टीम में आरके सिंह संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय विभाग, रणवीर कुमार अपर आयुक्त नगर निगम, सुनील सोलंकी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एवं सुधीर कुमार श्रीवास्तव सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।