नई दिल्ली । पूर्व भारतीय बल्लेबाज और कई बार आईपीएल खिताब जीत चुके अंबाती रायडू ने कहा कि वह गुजरात टाइटन्स (जीटी) की उस रणनीति को समझ नहीं पाए, जिसमें उन्होंने बाएं हाथ के स्पिनर आर साई किशोर को सिर्फ एक ओवर ही गेंदबाजी करने दी। हालांकि जीटी ने इस मैच में दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) के खिलाफ सात विकेट से जीत हासिल की।

पिछले साल जब जीटी ने दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में डीसी से मुकाबला किया था, तब भी किशोर को सिर्फ एक ओवर (19वां ओवर) ही फेंकने दिया गया था। उस समय डीसी की ओर से बाएं हाथ के बल्लेबाज अक्षर पटेल और ऋषभ पंत क्रीज पर थे।

इस बार शनिवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में जब दोपहर के समय जीटी और डीसी का मैच हुआ, तब भी साई किशोर को सिर्फ एक ओवर (20वां ओवर) ही दिया गया, जिसमें उन्होंने सिर्फ 9 रन दिए और आशुतोष शर्मा को आउट किया।

रायडू ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो पर कहा, “यह फैसला अजीब था। दोपहर का मैच था, पिच सूखी थी, और नई गेंद से स्पिन को थोड़ी मदद भी मिल सकती थी। ऐसे में उन्हें कम से कम एक ओवर पावरप्ले में और कुछ ओवर बीच के खेल में जरूर कराने चाहिए थे। इस टूर्नामेंट में वे अब तक जीटी के सबसे अच्छे स्पिनर रहे हैं, यहां तक कि राशिद खान से भी बेहतर गेंदबाजी की है। मुझे यह समझ नहीं आया कि उन्हें और ओवर क्यों नहीं दिए गए।”

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी और मुंबई इंडियंस के कोच रह चुके मार्क बाउचर ने भी रायडू की बात से सहमति जताई। उन्होंने कहा कि शायद जीटी की टीम ‘मैच-अप’ के चक्कर में फंस गई। यानी अक्षर पटेल जैसे बाएं हाथ के बल्लेबाज को देखकर किशोर को गेंद नहीं दी गई।

उन्होंने कहा, “पिछली बार जब किशोर को अक्षर या पूरन जैसे बल्लेबाजों के सामने गेंदबाजी करनी पड़ी, तब उन्हें रन पड़े थे। शायद उसी अनुभव के कारण कप्तान ने उन्हें फिर मौका नहीं दिया। लेकिन जब आपके तीन मुख्य तेज गेंदबाज 10 से ज़्यादा की इकोनॉमी से रन दे रहे हों, तब तो आपको एक अच्छे स्पिनर को जरूर आजमाना चाहिए।”

बाउचर ने यह भी कहा कि कप्तान शुभमन गिल की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह साई किशोर का आत्मविश्वास बनाए रखें।